Who is Mohan Yadav CM MP: कौन हैं मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव?

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Who is Mohan Yadav CM MP: कौन हैं मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव?
मध्य प्रदेश में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री के नाम का सस्पेंस आखिरकार आठ दिन बाद खत्म हो गया है । भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम का एलान कर दिया। पार्टी ने मोहन यादव को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया है। विधायक दल की बैठक में उनके नाम की घोषणा की गई। वह लगातर तीन बार से विधायक का चुनाव जीतते आ रहे हैं। मोहन यादव उज्जैन दक्ष‍िण सीट से आते हैं तथा उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार चेतन प्रेमनारायण यादव को 12941 वोटों से हराया है । मोहन यादव को जहां 95699 वोट मिले थे तो वहीं चेतन प्रेमनारायण यादव को 82758 वोट मिले थे |

पृष्टभूमि :
कहा जाता है कि मोहन यादव आरएसएस के बेहद करीबी नेताओं में से एक हैं। वह साल 2013 में पहली बार विधायक बने थे। वे शिवराज सिंह सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे। मोहन यादव ने राजनीतिक करियर साल 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल होकर किया तथा उन्हें एक छात्र नेता के गर्भ से निकला नेता माना जाता है । मोहन यादव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सदस्य भी रहे हैं तथा साल 2004 से 2010 तक उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे हैं। फिर 2011 से 2013 तक एमपी राज्य पर्यटन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे। फिर 2013 से 2018 तक भाजपा से विधायक रहे और अगली बार विधायक होने पर 2019 के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री रहे।उन्होंने 2013 में उज्जैन दक्षिण से चुनाव लड़ा और लगातार तीसरे बार यहां से विधायक निर्वाचित हुए ।

कुछ तथ्य :

इनका जन्म 25 मार्च, 1965 को उज्जैन में हुआ था। उनके पिता का नाम पूनमचंद यादव है। उन्होंने बीएससी, एल-एल.बी, राजनीतिक विज्ञान में एम.ए, एम.बी.ए और पी.एच.डी की है। उज्जैन दक्षिण सीट से वे विधायक हैं| पत्नी सीमा यादव हैं |लगातार तीन बार के विधायक मोहन यादव दो बेटे और एक बेटी के पिता हैं। उनकी उम्र 58 वर्ष है |

शैक्षणिक योग्यता:

बी.एस.सी., एल-एल.बी., एम.ए.(राजनीतिक- विज्ञान), एम.बी.ए., पी.एच.डी.(विक्रम यूनिवर्सिटी 2009)

व्यवसाय :

वकालत, व्‍यापार व कृषि

राजनीतिक कॅरियर:

सन 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्र संघ के सह-सचिव तथा 1984 में अध्‍यक्ष रहे | 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री रहे | फिर पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष और उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे। 1988 मे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्य प्रदेश के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे | 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री तथा 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रहे | 1993-95 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खण्ड कार्यवाह रहे | 1996 में खण्ड कार्यवाहक और नगर कार्यवाहक रहे | 1997 में भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य रहे | 1998 में पश्चिम रेलवे बोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य रहे | 1999 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के उज्जैन संभाग प्रभारी रहे | सन 2000-2003 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की कार्य परिषद के सदस्य रहे | सन 2000-2003 में भाजपा के नगर जिला महामंत्री रहे | 2004 में भाजपा की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य रहे | सन 2004 में सिंहस्थ, मध्यप्रदेश की केन्द्रीय समिति के सदस्य रहे | सन 2004-2010 में उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्य मंत्री दर्जा) रहे | सन 2008 से भारत स्काउट एंड गाइड के जिलाध्यक्ष रहे | सन 2011-2013 में मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम मे रहे| सन 2013-2016 में भाजपा के अखिल भारतीय सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के सह-संयोजक रहे | सन 2013 में चौदहवीं विधान सभा के सदस्य निर्वाचित | सन 2018 में दूसरी बार भी उज्जैन दक्षिण से चुनाव लड़े व विधान सभा सदस्य निर्वाचित | तब भाजपा सत्ता से बाहर हो गयी थी व कमलनाथ ने सरकार बनाई थी व कमलनाथ कि सरकार 2019 मे गिर जाने के बाद नए भाजपा सरकार मे वे उच्च शिक्षा मंत्री के पद पर विराजमान हुए| सन 2023 में तीसरी बार विधानसभा सदस्य चुन कर आए व 11.12.23 को भाजपा पर्यवेक्षक दल ( मुख्य नेता मोहन लाल खटटर) ने उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया |

आगे क्या :

विधायक दल की मीटिंग में जब उनके नाम को पुकारा गया तब वो तीसरी पंक्ति में बैठे हुए थे। उनका नाम दूसरी बार बोला गया। तब उन्हें विश्वास हुआ की मेरा ही नाम पुकारा जा रहा है। वहाँ उपस्थित सभी विधायको को यह पल आश्चर्यचकित करने वाला था। परन्तु आज किस्मत मोहन यादव के हाथ में थी। मोहन यादव ने वो ऊँचाई छुआ जो एक आम कार्यकर्ता है, एक आम विधायक सोचता है, जुगत लगाता है और वो सारे प्रयास करता है, जो एक राजनीतिज्ञ को, सत्ता में उपर पहुंचने के लिए जरूरी होता है। अधिकतर लोगों ने गूगल में मोहन यादव को सर्च करना चालू किया। आखिरी व्यक्ति हैं कौन? हर जगह यह खबर थी। मोहन यादव मुख्यमंत्री के ब्रेकिंग न्यूज़ चल रहे थे। भाजपा ने उज्जैन की जमीन से एक विधायक को मुख्यमंत्री बना दिया। अपने आप में यह एक चौंकाने वाला पल रहा । परन्तु भाजपा ने आज वो कर दिखाया व सबको संदेश दिया कि वो किसी एक नाम पर नहीं चलती(मोदी इसमे अपवाद हैं), ना ही भाजपा किसी व्यक्ति विशेष को इतना पावरफुल बनाना चाहती हैं कि वह सत्ता में बैठे शीर्षस्थ व्यक्ति को भविष्य में कोई चैलेंज पेश कर पाये| साथ ही, वो हर उस टैलेंट को आजमाना चाहती है जो भविष्य में भाजपा की बागडोर संभाल सके। यह एक टेस्टिंग प्रक्रिया है। भाजपा आज फॉर्म में हैं। आज वह हर उन खिलाड़ियों पर दांव आजमा रही है जिन्हें कभी वो फाइनल मैच में लड़ा सके। हो सकता है कि जो चेहरे आज नये लग रहे हो, भविष्य में वही चेहरे भाजपा को लोकसभा की बहुत सारी सीटें दिलवा दें। या फिर यहाँ की जातिगत समीकरण को साधे लोकसभा के चुनाव में। कुछ लाभ जातिगण समीकरण वाले मिल भी सकते हैं भविष्य में। खास कर उत्तर प्रदेश व बिहार की राजनीति में यादव टाइटल का होना भाजपा को फायदा दिला सकता है। मोहन यादव आज एक चर्चित व्यक्ति हो गए। जो कल तक मध्यप्रदेश के लिए भी एक गुमनाम से विधायक थे। इनके जैसे कई विधायक भाजपा में हैं। पर वो इतने चर्चित नहीं है कि हर कोई उन्हें जानता हो । यह ठीक वैसा ही हुआ है जैसे छत्तीसगढ़ में किया गया। वहाँ भी रमन सिंह साइड हो गए व विष्णु देव साई आगे। भविष्य देखने वाला होगा कि मोहन यादव किस उंचाई को छूते हैं! अमित शाह ने उनकी रैली में कहा था, आप मोहन यादव को जीता दो, हम इन्हें बड़ा आदमी बना देंगे। अमित शाह ने वहीं किया। नरेंद्र मोदी ने वहीं किया। उन्होंने आज मोहन यादव को एक बड़ा आदमी बना दिया, एक बड़ा चेहरा बना दिया |

3 thoughts on “Who is Mohan Yadav CM MP: कौन हैं मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव?”

  1. An interesting discussion is definitely worth comment. I think that you need to publish more on this subject, it
    may not be a taboo matter but typically people don’t
    discuss such topics. To the next! All the best!!

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